नाटिंघम नगर के इलाके का एक और प्रसिद्ध पर्यटन स्थान है निउस्टेड एबी। हर देश में बगीचे सजाने का अपना तरीका होता है। मुघलों के ज़माने से फव्वारे और कमल हिन्दुस्थान के बागों को अमर करते हैं, तो जापान के 'चेरी ब्लोसम' और 'बोन्साई' प्रसिध हैं। निउस्टेड एबी की खासियत है की यहाँ भिन्न भिन्न तरीकों के बगीचोंको गहनों की तरह सजाया है। ऐसा लगता है मानों चार कदम चलकर किसी दुसरे देश के बाग में कदम रख लिया हो। अगर फूलों, पौधों से मन न भरे तो घर के भीतर चले जाइए। आम लोगों की सैर को और मजेदार बनाने के लिए इस घर में पुराने ज़माने के पोशाख रखे हैं। एखाद मुकुटधारी राजा की तरह टोपी और कपडे लट्टे पहनकर देख लीजिये या फिर 'बॉल गाउन' पहनकर राजकुमारी की तरह प्रवेश कीजिये। पुराने आलिशान मकान और किलों को इंग्लेड की सरकार अब सैर के लिए बनाए रखती है, अपनी धरोहर को वे इस तरह बरक़रार रखते हैं।
'बायरन' की कविताओं में मनुष्य के चरित्र की परख होती है, सदगुणों के साथ उनके नायक अपनी खोट पर भी पर्दा नहीं डालते। ठीक उसी तरह जैसे नैसर्गिक सौन्दर्य के पीछे कभी कभी तूफ़ान और सैलाबों का खौफ होता है जिसकी जानकारी भी जरूरी होती है। साँझ हो जाने पर सूरज ढल जाने पर जब काले अँधेरे की चादर निउस्टेड एबी ओढ़ लेता है तो लगता है उसी सौंदर्य के पीछे कितने ही राज छिपे हों। वक्त आता है बिदाई लेकर अपने घर की चौखट लौटने का प्रसन्न और सही सलामत।